
राजस्थान राज्य के बांरा जिले की सहरिया जनजाति की औपचारिक शिक्षा के प्रति जागरुकता एवं समस्याओं का अध्ययन
जनजातीय समाज की शिक्षा की दृष्टि से काफी दयनीय है। भारतीय संविधान में कई प्रकार के औपचारिक शिक्षा के लिए उपबन्ध निर्धारित किए है किन्तु जनजातीय समाज इनसे अनभिज्ञ है। जनजातीय समाज को जागरूकता की अत्यन्त आवश्यकता है। जिससे की वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके। शिक्षा की दृष्टि से पिछड़े वर्गो को औपचारिक शिक्षा से जोड़ना शासन के साथ-साथ हम सभी का भी कत्र्तव्य है। किसी समुदाय विशेष को या जो वर्ग अभी भी शिक्षा से वंचित है, उन्है विद्यालयी शिक्षा से जोड़ने की जिम्मेदारी हम सभी की भी है कि ऐसे समुदायों को उपयुक्त जानकारी प्रदान कर जागरूक करें। जो समुदाय अभी भी शिक्षा से वंचित है। ऐसे समुदायों जागरूक करने की सख्त आवश्यकता है। अतः निष्कर्षतः कह सकते है कि ऐसे समुदायों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इनको शिक्षित करना बहुत जरूरी है, साथ ही इस प्रकार के समुदाय को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना भी जरूरी है।