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प्रस्तावनाः-
बच्चें समाज के लिये सामाजिक पूँजी का आधार होते है। बच्चों का पालन-पोषण उसके माता-पिता की आर्थिक एवं सामाजिक जागरूकता पर निर्भर करता है। परन्तु लोकतांत्रिक देश मे यह जिम्मेदारी केवल माता-पिता पर ही नहीं अपितु राज्य पर भी है। इसलिये भारत के संविधान के अनुच्छेद 45 मे 0-6 वर्ष तक के बच्चों के सर्वांगीण (सामाजिक, आर्थिक, मनोवैज्ञानिक एवं शारीरिक) विकास की बात की गयी है। बच्चों के सम्पूर्ण विकास एवं कुपोषण की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से भी आई.सी.डी.एस. परियोजना का प्रारम्भ किया गया। इस परियोजना को लागू करके सरकार ने बच्चों, गर्भवती एवं धात्री माताओं के लिये पोषण सुनिश्चित करने का प्रयास किया है। प्रस्तुत अध्याय मे शोधार्थी द्वारा आई. सी. डी. एस. परियोजना को लागू करने के मुख्य लक्ष्यों पर विचार किया गया है। एवं तथ्यों की जाँच के साथ-साथ इस आई.सी.डी.एस. परियोजना से जुडी़ अन्य नीतियों के बारे मे भी प्रकाश डाला गया है। इसके अतिरिक्त पंचायत एवं समुदाय स्तर पर आई.सी.डी.एस. परियोजना की समीक्षा की गयी है एवं परियोजना के क्रियान्वयन मे आने वाली समस्याओं के बारे मे भी विचार किया गया है। तथा साथ ही साथ सरकार को परियोजना को लागू करने मे कौन-कौन सी रणनीतियां अपनानी चाहिए।
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