
प्रस्तावनाः- बच्चें समाज के लिये सामाजिक पूँजी का आधार होते है। बच्चों का पालन-पोषण उसके माता-पिता की आर्थिक एवं सामाजिक जागरूकता पर निर्भर करता है। परन्तु लोकतांत्रिक देश मे यह जिम्मेदारी केवल माता-पिता पर ही नहीं अपितु राज्य पर भी है। इसलिये भारत के संविधान के अनुच्छेद 45 मे 0-6 वर्ष तक के ...
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