कोटा संभाग में स्थित बहुविषयक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में कार्यरत सहायक आचार्यो की शिक्षण प्रभावशीलता का अध्ययन

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Author Name :- Pradeep Kumar Pankaj,,

Journal type:- NJRIP-National Journal of Research and Innovative Practices

Research Field Area :-  Department of Education ; Volume 10, Issue 4, No. of Pages: 7 

Your Research Paper Id :- 2025010428

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Abstraction :-

प्रस्तावना किसी भी शिक्षा प्रणाली के उद्देश्यों की प्राप्ति में शिक्षक-विद्यार्थी एवं पाठ्यक्रम तीनों अव्यवों का अलग-अलग एवं सम्मिलित योगदान होता है। इनमें से एक की शिक्षा प्रणाली को अधूरा स्वरूप प्रदान करती है तथा एक का भी असहयोग होने पर शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति असंभव है। शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के उद्देश्य, शिक्षण शैलियां, शैक्षिक एवं सामाजिक वातावरण के आलावा अन्य आधारभूत तत्व है जो शिक्षण एवं अधिगम को सफल एवं सौद्देश्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते है। शिक्षण को प्रभावी बनाने में शिक्षण प्रभावशीलता का विशेष महत्व है। शिक्षण प्रभावशीलता से तात्पर्य कि विद्यार्थी के अधिगम (सीखने) की प्रक्रिया को किस प्रकार प्रभावशील बनाया जाये जिससे वे प्राप्त अनुभवों को अपने व्यवहार में आत्मसात कर सके। मलिक एवं सरिता (2015) ने अपने शोध अध्ययन टाचिंग इफैक्टिवनेस ऑफ सैकण्डरी स्कूल टीचर्स इन रिलेशन टू देयर सेन्स ऑफ ह्यूमर में शिक्षण प्रभावशीलता के बारे में बताया है कि शिक्षक की दक्षता, उसका शिक्षण अनुभव शिक्षण प्रभावशीलता को दर्शाता है। शिक्षक की शिक्षा या डिग्री उसके शिक्षण को प्रभावी नही बनाती अपितु शिक्षक का विषय वस्तु पर नियंत्रण शिक्षण कौशल, प्रर्दशन एवं व्यवहार उसके शिक्षण को प्रभावी बनाता है। प्रत्येक शिक्षक की शिक्षण को प्रभावी बनाने की अपनी एक अनुठी शिक्षण शैली होती है। शिक्षक शिक्षा से सम्बधित शिक्षको की शिक्षण प्रक्रिया तभी सफल कहलाती है जब प्रशिक्षणार्थी सरलता से उसका अधिग्रहण करता हैं। अतः अधिगम के बिना शिक्षण का कोई भी औचित्य नही रह जाता है इसलिए प्रभावशाली शिक्षण की पहचान करना प्रमुख आवश्यकता है।

Keywords :- 

बहुविषयक शिक्षक, सहायक आचार्यो

References :-

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