शिक्षक शिक्षा के विकास में बी.एड. पाठ्यक्रम की प्रासंगिकता

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Author Name :- Laxmi Kumari,,

Journal type:- NJRIP-National Journal of Research and Innovative Practices

Research Field Area :-  Department of Education ; Volume 5, Issue 10, No. of Pages: 4 

Your Research Paper Id :- 2020100129

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Abstraction :-

समाज और राष्ट्र की प्रगति का प्रतिबिम्ब होती है। यह समाज, राष्ट्र व विश्व की शक्ति है जो एकता, सुख और समृद्धि के आधार के रूप में राष्ट्र को गौरवान्वित करती है। शिक्षक शिक्षा का मुख्य ध्येय अध्यापक का सर्वांगीण विकास करना होता है इसे प्राप्त करने के लिए अध्यापक के मानसिक स्तर, बौद्धिक क्षमता पाठ्यक्रम, रूचि, आवश्यकता व योग्यता को आधार बनाया जाता है। यह कार्य उचित पाठ्यक्रम का निर्माण करके किया जा सकता है।

Keywords :- 

शिक्षक, शिक्षा, विकास , बी.एड. ,पाठ्यक्रम, प्रासंगिकता

References :-

 प्राथमिक स्त्रोत - कोटा विश्वविद्यालय कोटा का द्विवर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम

 पुस्तकें:-

 अस्थाना विपिन (1994) मनोविज्ञान और शिक्षा में मापन और मूल्यांकन, विनोद पुस्तक मन्दिर, आगरा, (उत्तर प्रदेश)।
 भटनागर आर.पी. बी.मीनाक्षी (1998) एज्येकेशन, रिजर्व इन्टरनेशनल पब्लिकेशर्स मेरठ।
 भटनागर आर.पी. (2003) शिक्षा अनुसंधान इन्टरनेशनल पब्लिशिंग हाउस मेरठ 25001.
 चैबे, सरयु प्रसाद (1995) तुलनात्मक शिक्षा. आगराः विनोद प्रस्तक मंदिर।
 ढौढ़ियाल, एस., फाटक, ए. (2003). शैक्षिक अनुसंधान का विधिशास्त्र जयपुर राजस्थान हिन्दी अकादमी।
 श्रीवास्तव, डी.एन. (2001) अनुसंधान विधियाँ. आगरा: साहित्य प्रकाशन।
 सुखिया ए.पी. (1971) शैक्षिक अनुसंधान के मूल तत्व पी.वी. विनोद प्रस्तक मंदिर, आगरा।
 व्यास हरिशचन्द, कैलाशचन्द (1996) शैक्षिक प्रबंधन व शिक्षा की समस्याऐं आर्य बुक डिप्पो करोल बाग नई दिल्ली।

 

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