वर्त्तमान विद्यालयों में बढती छात्र अनुशासनहीनता एक चिंता का विषय
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Author Name :- Mr. Mukesh Kumar Meena,,
Journal type:- NJRIP-National Journal of Research and Innovative Practices
Research Field Area :- Philosophy and Psychology ; Volume 1, Issue 1, No. of Pages: 7
Your Research Paper Id :- 171218
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Abstraction :-
आज सम्पूर्ण समाज ही अनुशासनहीनता की समस्या से ग्रस्त है केवल छात्रों को ही दोष देना हमारी भूल है, छात्रों में फैली अनुशासनहीनता को सम्पूर्ण समाज में फैली अनुशासनहीनता का ही एक लघुरूप है जो हमे दिखाई देता है जबकि समाज के अन्य अंगों में फैली यह समस्या आग के अंगारों के समान है जो अन्दर ही अन्द जलाये जा रही है। अनुशासनहीनता की झलक आप सरकारी या गैर सरकारी कर्मचारियों में देखेंगे जिन्होने अपनी एक अजीब मनोवृत्ति बना रखी है उनकी इस मनोवृत्ति को हम घड़ी, कलैण्डर मनोवृत्ति कह सकते है। वे सारे दिन घड़ी की सूई को देखते रहते है कि कब पाँच बजे कब छृट्टी हो और कब वे घर पहुचे तथा कब कलैण्डर में पहली तारीख आये और कब उन्हे पैसे मिले बाकि काम कुछ नही करना यह अनुशासनहीनता का ही तो उदाहरण है। राजनीतिक राजनेताओं में फैली अनुशासनहीनता के बारे में आप रोज समाचार पत्रों में पढ़ते है टेलीविजन में देखते है विधानसभा, लोकसभा मे आये दिन होने वाले गाली गलोच, जूते चप्पल, लात घूसे, कुर्सी टेबल, हो हुल्लड आदि अनुशासनहीनता नही है तो और क्या है। आज जनता की मनोवृत्ति ऐसी हो गयी है जैसे स्वतंत्र देश में सभी लोग प्रत्येक नैतिक-अनैतिक कार्य करने के लिए स्वतंत्र हो गये हो। इन सब बातों को देखते हुए हम कह सकते है कि आज भारत का ही नही सम्पूर्ण विश्व का सम्पूर्ण समाज अनुशासनहीनता की समस्या से ग्रस्त है। केवल छात्रों में व्याप्त अनुशासनहीनता को ही दोष देना ठीक नही है। छात्रों में फैली अनुशासनहीनता समाज में फैली अनुशासनहीनता का ही एक लघुरूप है। अतः मेरा मानना है कि यदि हमे इस समस्या को जड़ से खत्म करना है तो देश के सम्पूर्ण नागरिक शिक्षण संस्थाएँ, कर्मचारीगण, राजनेता, अभिभावकगण एवं छात्र छात्राऐं सभी अपनी अपनी जिम्मेदारियों को समझे और पूर्ण इमानदारी से अपना-अपना काम करे तो कुछ दिनों बाद यह समस्या स्वतः ही समाप्त हो जायेगी।
Keywords :-
विद्यालय, छात्र ,अनुशासनहीनता
References :-
[1] https://brainly.in/question/4081177
[2] https://www.scotbuzz.org/2019/07/anushasanaheenata-ke-karan.html
[3] https://www.prabhatkhabar.com/state/west-bengal/siliguri/1025100
[4] https://shodhganga.inflibnet.ac.in/bitstream/10603/96972/11/12_chapter%205.pdf