राजस्थान राज्य के बांरा जिले की सहरिया जनजाति की औपचारिक शिक्षा के प्रति जागरुकता एवं समस्याओं का अध्ययन

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Author Name :- Ram Babu Jangid,,

Journal type:- IJCRI-International journal of Creative Research & Innovation

Research Field Area :-  Department of Education ; Volume 6, , No. of Pages: 4 

Your Research Paper Id :- 2021020102

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Abstraction :-

जनजातीय समाज की शिक्षा की दृष्टि से काफी दयनीय है। भारतीय संविधान में कई प्रकार के औपचारिक शिक्षा के लिए उपबन्ध निर्धारित किए है किन्तु जनजातीय समाज इनसे अनभिज्ञ है। जनजातीय समाज को जागरूकता की अत्यन्त आवश्यकता है। जिससे की वह अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सके। शिक्षा की दृष्टि से पिछड़े वर्गो को औपचारिक शिक्षा से जोड़ना शासन के साथ-साथ हम सभी का भी कत्र्तव्य है। किसी समुदाय विशेष को या जो वर्ग अभी भी शिक्षा से वंचित है, उन्है विद्यालयी शिक्षा से जोड़ने की जिम्मेदारी हम सभी की भी है कि ऐसे समुदायों को उपयुक्त जानकारी प्रदान कर जागरूक करें। जो समुदाय अभी भी शिक्षा से वंचित है। ऐसे समुदायों जागरूक करने की सख्त आवश्यकता है। अतः निष्कर्षतः कह सकते है कि ऐसे समुदायों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इनको शिक्षित करना बहुत जरूरी है, साथ ही इस प्रकार के समुदाय को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना भी जरूरी है।

Keywords :- 

जनजातीय समाज, शिक्षा, जागरूकता

References :-

1. उदय मान भारतीय समाज और शिक्षा- प्रो मथुरेश पारीक एवं प्रो रजनी शर्मा:शिक्षा प्रकाशन, जयपुर

2. शिक्षा के मूल सिद्धांत-ः डॉ राम शकल पांडे:विनोद पुस्तक मंदिर, आगरा

3. शिक्षा एवं उदीयमान भारतीय समाज-ः डाॅ. सरोज शर्मा:श्याम प्रकाशन, जयपुर

4. प्रगतिशील भारत में शिक्षा-ः डाॅ. उमेश तिवारी:साहित्य प्रकाशन, आगरा

5. बिलासपुर जिले के बैगा जनजाति की शैक्षिक समस्याओं का अध्ययन-ः दिनेश कु. चन्द्रा

6. भारत में आदिवासियों की शैक्षिक स्थिति एवं शिक्षक की भूमिका-ः प्रशांत भगत, गोपाल कृष्ण ठाकुर

 

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