माखनलाल चतुर्वेदी और बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ की आदर्शवादी विचारधारा
Author Name :- Dr. Sapna Bansal,,
Journal type:- IJCRI-International journal of Creative Research & Innovation
Research Field Area :- Department of Hindi ; Volume 4, Issue 3, No. of Pages: 10
Your Research Paper Id :- 2019030128
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Abstraction :-
Keywords :-
साहित्यकार,युग,साहित्य,जनहित,आदर्शवाद
References :-
1 प्रभाः संचा, कालूराम गंगराडे, खण्डवा, 1 अप्रैल 1923, पृú 271
2 हिमकिरोटिनी, माखनलाल चतुर्वेदी, पृú 93
3 माता, माखनलाल चतुर्वेदी, पृú 56
4 भारतीय राष्ट्रवाद के विकास की हिन्दी साहित्य में अभिव्यक्ति: सुषमा नारायण, पृú 63
5 हिमकिरीटिनी, माखनलाल चतुर्वेदी, पृú 50
6 माता, माखनलाल चतुर्वेदी, पृú 56
7 साहित्य-देवता, पृú 75
8 साहित्य-देवता, पृú 75
9 बाल कृष्ण शर्मा ‘नवीन’: व्यक्ति एवं काव्य: लक्ष्मी नारायण दुबे: पृú 290 से उदध्ृत
10 बाल कृष्ण शर्मा ‘नवीन’: व्यक्ति एवं काव्य: लक्ष्मी नारायण दुबे: पृú 290 से उदध्ृत
11 आध्ुनिक हिन्दी कवियों के काव्य सि(ान्त: सुरेश चन्द्र गुप्त, पृú 307
12 कुंकम, नवीन, पृú 10
13 ऊर्मिला, ;पंचमसर्गद्ध, नवीन, पृú 45
14 बालकृष्ण शर्मा नवीन काव्य-रचनावली, नरेश चन्द्र चतुर्वेदी, पृú 139
15 बालकृष्ण शर्मा नवीन काव्य-रचनावली: नरेश चन्द्र चतुर्वेदी, पृú 139, 140
16 वही, पृú 140
17 बालकृष्ण शर्मा नवीन काव्य-रचनावली, भाग एक: नरेश चन्द्र चतुर्वेदी, पृú 141, 142
18 बाल कृष्ण शर्मा नवीन काव्य-रचनावली, भाग एक: नरेश चन्द्र चतुर्वेदी, पृú 142, 143
19साहित्य-देवता, पृú 50
20 वही, पृú 49, 50
21 साहित्य-देवता, पृú 51